भारतीय संविधान सभा के बारे में आप क्या जानते हो?
भारतीय संविधान सभा के बारे में आप क्या जानते हो?
कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधर पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 ई. में किया गया।
संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गयी थी, जिसमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।
मिशन योजना के अनुसार जुलाई, 1946 ई. में संविधान सभा का चुनाव हुआ। कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 स्थान एवं 15 अन्य दलों के तथा स्वतंत्र उम्मीदवार निर्वाचित हुए।
9 दिसम्बर, 1946 ई. को संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित कौंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुई। सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डाॅ. सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया।
हैदराबाद एक ऐसी देशी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे।
प्रांतों या देशी रियासतों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा में प्रतिनिधित्व दिया गया था।
संविधान सभा में ब्रिटिश प्रांतों के 296 प्रतिनिधियों का विभाजन सांप्रदायिक आधार पर किया गया, 213 सामान्य, 79 मुसलमान तथा 4 सिक्ख।
संविधान सभा के सदस्यों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या 33 थी।
संविधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या 9 थी।
11 दिसम्बर, 1946 ई. को डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसम्बर, 1946 ई. को जवाहरलाल नेहरू द्वारा पेश किए गए उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारंभ हुई।
22 जनवरी, 1947 ई. को उद्देश्य प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियां नियुक्त की।
बी.एन.राव द्वारा तैयार किये गए संविधान के प्रारूप पर विचार-विमर्श करने के लिए संविधान सभा द्वारा 29 अगस्त, 1947 ई. को एक संकल्प पारित करके प्रारूप समिति का गठन किया गया तथा इसके अध्यक्ष के रूप में डाॅ. भीमराव अबेडकर को चुना गया। प्रारूप समिति के सदस्यों की संख्या 7 थी जो इस प्रकार है-
डा. भीमराव अम्बेडकर (अध्यक्ष)
एन. गोपालस्वामी आयंगर
अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर
कन्हैया लाल मणिकलाल मुंशी
सैयद मुहम्मद सादुल्ला
एन. माधव राव (बी.एल. मित्र के स्थान पर)
डी.पी खेतान (1948 ई. में इनकी मृत्यु के बाद टी.टी. कृष्णामाचारी को सदस्य बनाया गया।)
3 जून, 1947 ई. की योजना के अनुसार देश का बंटवारा हो जाने पर भारतीय संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 324 नियत की गयी, जिसमें 235 स्थान प्रांतों के लिए और 89 स्थान देशी राज्यों के लिए थे।
देश-विभाजन के बाद संविधान-सभा का पुनर्गठन-31 अक्टूबर, 1947 ई. को किया गया और 31 दिसम्बर 1947 ई. को संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 299 थी, जिसमें प्रांतीय की संख्या 229 एवं देशी रियासतों के सदस्यों की संख्या 70 थी।
संविधान सभा में संविधान का प्रथम वाचन 4 नवम्बर से 9 नवम्बर, 1948 ई. तक चला।
संविधान पर दूसरा वाचन 15 नवम्बर 1948 ई. को प्रांरभ हुआ जो 17 अक्टूबर, 1949 तक चला।
संविधान का तीसरा वाचन 14 नवम्बर, 1949 ई. को प्रारम्भ हुआ जो 2़6 नवम्बर, 1949 तक चला और संविधान सभा द्वारा संविधान को पारित कर दिया गया।
इस समय संविधान सभा के 284 सदस्य उपस्थित थे।
संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष 11 महीना और 18 दिन लगे। इस कार्य पर लगभग 6.4 करोड़ रूपए खर्च किए गए।
संविधान जो जब 26 नवम्बर 1949 ई. को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया, तब इसमें कुल 22 भाग, 395 अनु. और 8 अनुसूचियां थीं । वर्तमान समय में 22 भाग, 395 अनु. और 12 अनुसूचियां है।
कैबिनेट मिशन के प्रस्ताव पर गठित अंतरिम मंत्रिमंडल
जवाहर लाल नेहरू : कार्यकारी परिषद् के उपाध्यक्ष, विदेशी मामले तथा राष्ट्रमंडल।
वल्लभ भाई पटेल : गृह, सूचना तथा प्रसारण।
बलदेव सिंह : रक्षा।
जान मथाई : उद्योग तथा आपूर्ति।
सी. राजगोपालाचारी : शिक्षा।
सी.एच. भाभा : कार्य, खान एवं बंदरगाह।
राजेन्द्र प्रसाद : खाद्य एवं कृषि।
आसफ अली : रेलवे।
जगजीवन राम : श्रम।
लियाकत अली खान : वित्त।
आई.आई. चुंदरीगर : वाणिज्य।
संविधान के कुल अनुच्छेदों में से 15 अर्थात् 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 372, 380, 388, 391, 392 तथा 393 अनुच्छेदों को 26 नवम्बर, 1949 ई. को ही प्रवर्तित् (लागू) कर दिया गया जबकि शेष अनुच्छेदों को 26 जनवरी, 1950 ई. को लागू किया गया।
संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 ई. को हुई और उसी दिन संविधान सभा द्वारा डा. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।
कैबिनेट मिशन के सदस्य सर स्टेफोर्डक्रिप्स, लाॅर्ड पेंथिकलारेंस तथा ए.बी. एलेग्जेंडर थे।
26 जुलाई, 1947 को गर्वनर जनरल ने पाकिस्तान के लिए पृथक संविधान सभा की स्थापना की घोषणा की।
संविधान सभा की महत्वपूर्ण समिति अध्यक्ष
संचालन समिति – डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद
संघ संविधान समिति – श्री जवाहर लाल नेहरू
प्रारूप समिति – डाॅ. भीमराव अम्बेडकर
प्रांतीय संविधान समिति – सरदार वल्लभ भाई पटेल
संघ शक्ति समिति – श्री जवाहर लाल नेहरू
झण्डा समिति – जे.बी. कृपलानी
मूल अधिकार समिति – सरदार वल्लभ भाई पटेल
अल्पसंख्यक समिति – सरदार वल्लभ भाई पटेल
अंबेडकर को भारतीय संविधान के पिता के रूप में जाना जाता है। उन्हें आधुनिक मनु की भी संज्ञा दी जाती है।
संविधान सभा ने भारत के केवल एक बड़े समुदाय का प्रतिनिधत्व किया – चर्चिल
भारतीय संविधान के स्त्रोत
विश्व में 60 देशों के संविधान से मिलकर बना होने के कारण भारतीय संविधान को ‘‘उधार का थैला‘‘ कहा जाता है।
395 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियों वाला भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है, जिसे आइवर जेनिंग्स ने – वकीलों का स्वर्ण कहा है। भारतीय संविधान का मूल स्त्रोत भारत शासन अधिनियम, 1935 है।
विषय स्त्रोत
संविधान संशोधन की प्रक्रिया, (अनु. 368) – दक्षिण अफ्रीका
राज्यसभा के सदस्यों की निर्वाचन प्रक्रिया
संसदात्मक शासन प्रणाली, प्रधानमंत्री का पद मंत्रिपरिषद का लोकसभा – ब्रिटेन
के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व, एकल नागरिकता, विधि निर्माण की प्रक्रिया
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, महाभियोग प्रक्रिया, सर्वोच्च न्यायालय, न्यायिक – संयुक्त राज्य
पुनरावलोकन, मौलिक अधिकार, वित्तीय आपात प्रस्तावना के विचार अमेरिका
नीति निर्देशक तत्व, राष्ट्रपति की निर्वाचन पद्धति, – आयरलैण्ड
आपातकाल उपबंध, – जर्मनी
आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति की शक्तियाँ
मौलिक कत्र्तव्य, पंचवर्षीय योजना – सोवियत संघ
समवर्ती सूची, प्रस्तावना की भाषा, संयुक्त अधिवेशन – ऑस्ट्रेलिया
कानूनी शब्दावली – जापान
गणतंत्र शब्दावली प्रस्तावना में वर्णित स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व का विचार – फ्रांस
संघीय राज्य, राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल की नियुक्ति अवशिष्ट शक्ति, – कनाडा, एक्ट 1935
महान्यायवादी, यूनियन शब्द काप्रयोग