अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण पर दायर याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को 28 दिन के भीतर जवाब देने को कहा
अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण पर दायर याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को 28 दिन के भीतर जवाब देने को कहा
हिंदी सामान्य ज्ञान (GK in Hindi) तथा हिंदी करेंट अफेयर्स को समर्पित वेबसाइट है. यह वेबसाइट प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे SSC, IBPS, Banking, Rajasthan RPSC, RRB, UPSC इत्यादि प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के तरीके व प्रक्रिया पर सर्वोच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गयी हैं, सर्वोच्च न्यायालय में इन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गयी। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण पर दायर याचिकाओं पर 28 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा है, इस मामले पर अगली सुनवाई 14 नवम्बर को होगी।
पृष्ठभूमि
इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पारित किया था, इसके द्वारा राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों में किया जायेगा। क्षेत्रफल के हिसाब से जम्मू-कश्मीर देश का सबसे बड़ा केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख क्षेत्रफल के आधार पर देश का दूसरा सबसे केंद्र शासित प्रदेश होगा।
5 अगस्त, 2019 को केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की घोषणा थी। लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बनाया जायेगा, परन्तु इसकी कोई विधानसभा नहीं होगी। दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर को भी अब केंद्र शासित प्रदेश बनाया जायेगा। 31 अक्टूबर, 2019 को यह पुनर्गठन लागू हो जायेगा।
अनुच्छेद 370
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य को स्वायत्ता प्रदान की गयी है। इस अनुच्छेद के द्वारा जम्मू-कश्मीर के निम्नलिखित 6 विशेष प्रावधान किये गये हैं :
रेलवे GK सीरीज-39 : NTPC और Group-D में पूछे जाने वाले सामान्य ज्ञान के 100 प्रश्न
- इस अनुच्छेद के द्वारा जम्मू-कश्मीर को भारतीय संविधान के दायरे से बाहर रखा गया है, जम्मू-कश्मीर राज्य का अपना अलग संविधान है।
- जम्मू-कश्मीर पर केन्द्रीय विधानपालिका की शक्तियां सीमित हैं। केवल रक्षा, विदेश मामले तथा संचार पर ही केन्द्रीय विधानपालिका का नियंत्रण है।
- राज्य सरकार की सहमती के पश्चात् ही जम्मू-कश्मीर में केन्द्रीय विधानपालिका की संवैधानिक शक्तियों को बढ़ाया जा सकता है।
- यह सहमती अस्थायी होगी, इसके लिए राज्य विधानसभा में पारित करना आवश्यक है।
- शक्तियों के विभाजन के सन्दर्भ में राज्य संविधान सभा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
- अनुच्छेद 370 को राज्य संविधान सभा की सिफारिश पर ही हटाया जा सकता है अथवा इसमें संशोधन किया जा सकता है।